तालाब की जमीन पर बनी मस्जिद को खुद गिरा रहे मुस्लिम, बुलडोजर से पहले कमेटी ने चलाया हथौड़ा; मिला था 20 दिन का अल्टीमेटम
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तालाब की जमीन पर बनी मस्जिद को खुद गिरा रहे मुस्लिम, बुलडोजर से पहले कमेटी ने चलाया हथौड़ा; मिला था 20 दिन का अल्टीमेटम

Illegal Construction, Mosque Demolition

Illegal Construction, Mosque Demolition

Illegal Construction, Mosque Demolition: संभल जिले के असमोली क्षेत्र में तालाब की जमीन पर बनी मस्जिद को कमेटी के लोग खुद गिरा रहे हैं. दरअसल, कुछ दिन पहले इसी क्षेत्र में प्रशासन का बुलडोजर चला था. राया बुजुर्ग इलाके में बने मैरिज हॉल पर कार्रवाई के बाद मस्जिद पर भी बुलडोजर चलने का डर था. इसी को देखते हुए कमेटी के लोगों ने गुरुवार को मंस्जिद को खुद गिराना शुरू कर दिया. प्रशासन की सख्ती के बाद मस्जिद कमेटी ने अधिकारियों से चार दिन का समय मांगा था. चार दिन का समय मिलने के बाद कमेटी ने खुद फैसला किया, वह मस्जित को तोड़ेंगे.

प्रशासन ने 20 दिन का समय दिया था

दरअसल, असमोली थाना क्षेत्र के राया बुजुर्ग में जांच-पड़ताल के दौरान जब पता चला कि मस्जिद तालाब की जमीन पर बनी है तो प्रसाशन की तरफ से मस्जित कमेटी को नोटिस दिया गया. साथ ही 20 दिन का समय दिया गया कि खुद मस्जिद हटा लें, नहीं तो बुलडोजर से तोड़ा जाएगा. 20 दिन पूरा होने के बाद भी जब मस्जिद नहीं हटाई गई तो पुलिस-प्रशासन की टीम बुलडोजर लेकर पहुंच गई. इस पर कमेटी की टीम ने चार दिन का और समय मांगा और आज मस्जित को खुद तोड़ना शुरू कर दिया.

सरकारी तालाब की जमीन पर बनी मस्जिद

बीते दिनों इसी राया बुजुर्ग में बने एक मैरिज हॉल को अवैध कब्जा मानते हुए प्रशासन ने ढहा दिया था. बताया जा रहा था कि यह मैरिज हॉल सरकारी भूमि पर बिना अनुमति के बनाया गया था. उसी दिन संभावना जताई गई कि अब तालाब की जमीन पर बनी मस्जिद पर भी बुलडोज़र चल सकता है. प्रशासन ने पहले ही नोटिस जारी कर साफ कर दिया था कि अवैध कब्जे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

इलाके की निगरानी ड्रोन कैमरे से की गई

अधिकारियों का कहना है कि मामला धर्म से नहीं, बल्कि पूरी तरह अवैध निर्माण से जुड़ा है. जमीन सरकारी है और उस पर किसी भी प्रकार का स्थायी निर्माण कानूनन अपराध है. वहीं राया बुजुर्ग इलाके में सुरक्षा व्यवस्था इतनी सख्त रही कि पूरे इलाके की निगरानी ड्रोन कैमरे से की गई. मैरिज लॉन गिराने के बाद SP के.के. बिश्नोई ने कहा था कि इन्हें 30 दिनों का समय दिया गया था. 30 दिन बाद भी जब इनके द्वारा इसे नहीं तोड़ा गया तो प्रशासन द्वारा निर्णय लिया गया कि इसे स्वयं तोड़ा जाएगा. यह एक अवैध निर्माण था. इन्हें पर्याप्त समय दिया गया था. यहां पुलिस की पूरी व्यवस्था है.